Saturday, 12 August 2017

Health Benifit Of AloeVera (एलोवेरा के स्वास्थ्य वर्धक गुण)

एलोवेरा: एक परिचय
आज से लगभग ३५०० वर्ष पहले से एलोवेरा के स्वास्थ्यवर्धक गुणों की चर्चा लोगों की जुबां पर रही है. बाइबिल, आयुर्वेद, हदीस तथा विश्व भर की पुरानी पुस्तकों का इसका वर्णन मिलता है. ऐतिहासिक किताबों में इसके गुणों की चर्चा की गयी है और लोगों का मानना है की इसके गुणों के बारे में पुराने मिस्र को बहुत पहले पता चला था तभी से दुनिया को इसके गुणों के बारे में पता चला. परन्तु इसको बादशाह सुलेमान ने भी उगाया व इस्तेमाल किया था तथा इसके गुणों के बारे में बताया था. सिकंदर ने इसे पाने के लिए सोक्रोटा द्वीप पर कब्ज़ा कर लिया था. वह इसे अपने घायल सैनिकों को खिलाने तथा मरहम की तरह लगाने में इस्तेमाल करता था. मार्कोपोलो ने भी इसके आश्चर्यजनक गुणों का वर्णन अपनी पुस्तक में किया है.
एलो वेरा अफ्रीका की मूल प्रजाति है यह छोटे तने का पौधा होता है जिसमे लगभग 30-36 इंच की गूदेदार पत्तियां होती हैं. इस समय घर में उगाये जाने वाले पौधों में सबसे प्रसिद्ध है. इसे "चमत्कारी पौधा" या "क़ुदरती रोगहर" कहा जाता है. यह सूखे गर्म मौसम में बढ़ता है तथा  कैक्टस जैसा दिखाई पड़ता है. यह लिली परिवार का सदस्य है.  अधिक गर्मी जब बाकि पौधे प्रायः सूख जाते हैं उस स्थिति में यह अपने रंध्र बंद कर लेता है जिससे इसमें पानी की कमी नहीं होता और हरा-भरा रहता है.
एलोवेरा की 400 से अधिक प्रजातियाँ होती हैं जिसमे "एलोबार्बड़ेंसिस मिलर" सर्वोत्तम है. इसे "ट्रू एलो" भी कहा जाता है, क्योंकि इसकी पुर्णतः परिपक्व पत्तियों में सभी बिमारियों से लड़ने की ताकत आजाती है.
इसका हरा छिलका उतरने के बाद अन्दर का जेल ही खाने और लगाने के कम आता है. लेकिन यह अपने तने से कट कर अलग होने के बाद महज़ 3-4 घंटे तक ही उपयोग के लायक रहता है, इसके बाद इसके गुण स्वतः समाप्त होने लगते हैं, इस लिए पैक करने से पहले इसका स्थिरीकरण करना पड़ता है, फॉरएवर लिविंग प्रोडक्ट्स ने इसका एक पेटेन्ट किया तरीका खोज निकला है जिसकी बदौलत फॉरएवर कम्पनी का जेल पैक होने के चार साल तक ख़राब नहीं होता. अब बात करते हैं फॉरएवर एलोवेरा जेल के गुणों की.

इसके अद्भुत गुण जिसके बारे में अधिकतर लोग नहीं नहीं जानते   
लिग्निन: एलोवेरा के घटकों में से एक है लिग्निन जिसमें तीव्र भेदन क्षमता होती है यह शरीर के जिस भाग में लगता है वहां भेदता हुआ त्वचा की तीसरी परत तक पहुँच जाता है जी कारण एक्सिमा और सोराइसिस में बहुत लाभकारी है.
सेपोनिन: जेल में सेपोनिन में प्राकृतिक साबुन के गुण होते हैं, जो एंटीसेप्टिक, एंटीबैक्टीरियल, फंगस विरोधी, एंटीवायरस है. यह लिग्निन के साथ शरीर में प्रवेश कर सफाई करता है.
पोषक तत्व: इसमें प्रायः सभी पोषक तत्व होते है जो मानव शरीर के लिए आवश्यक हैं.
1) अन्थ्राकुनांस: अलोइन, बर्बलोइन, इसोबर्बलोइन, अन्थ्रानोल, एंथ्रासीन, अलोएटिक एसिड, एलो अमोडैन, सिंनामिक एसिड, एस्टर ऑफ़ सिनामिक एसिड, एस्तेरोल ऑएल, क्रिसोफानिक एसिड, एलो अल्साइन तथा रेसिस्त्नोल.
2) मोनो तथा पोली सैकराइड: अल्दोनेंतोज़, सेल्यूलोस, ग्लूकोज, एल-र्हम्नोज़ तथा मंनोज़.
3) अमीनो एसिड्स: 7 आवश्यक अमीनो एसिड्स इसोलयूसाइन, लयूसाइन, लाइसाइन, मेथिओनाइन, फेनिलालानाइन, थेरोनाइन तथा वैलाइन.
इसके साथ 11 सहायक अमोनो एसिड्स में अलानाइन, अर्गिनाइन, अस्परिटिक एसिड, ग्लुतामिक एसिड, ग्लिसरीन, हिस्टीडाइन, हाइद्रोक्सीप्रोलाइन, प्रोलाइन, सेराइन, ताइरोसाइन तथा 1/2 सिस्टाइन.
4) खनिज/मिनरल्स: कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, आयरन, सोडियम, क्लोरीन, मैंगनीज, मैग्नीशियम, कॉपर, क्रोमियम तथा जिंक.
 5) विटामिन्स: विटामिन ए, विटामिन बी कॉम्लेक्स, विटामिन सी, विटामिन ई, विटामिन एम, नियनसिमनाइड तथा कोलाइन.
6) एंजाइम: फोस्फातेज़, ब्रैडीकिनेज़, कैतालेज़, सेल्लुलेज़, क्रिएताइन, फोस्फोकिनेज़, लिपेज़, नुक्लेओतिदेज़, अल्कालाइन फॉस्फेट तथा प्रोटीज.